5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT SIDH KUNJIKA EXPLAINED

5 Simple Statements About sidh kunjika Explained

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।

ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥

No. Pratyahara means to bring the senses inside. That is, closing off external notion. Stambhana fixes the notion within by holding the believed nonetheless in addition to the sense.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

समय का अभाव website है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.

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